ट्रांसमीटर क्या होता है
:-एक ट्रांसमीटर संचार चैनल पर संदेया सूचना को रिसीवर के लिए प्रदर्शित करता है
:-जब कोई दो व्यक्ति बात करते हैं तो बोलने वाले से सुनने वाले तक सूचना सामान्यतः हवा में ध्वनि तरंगों के रुप में पहुंचती है बोलने वाले द्वारा उत्पन्न ध्वनि तरंगों ही श्रोता तक पहुंचने वाले सिग्नल कहलाते हैं अब वक्त और अब वक्ता और श्रोता की निम्न स्थितियों को ले
(1) वक्ता एवं श्रोता एक दूसरे के अत्यंत निकट हो
(2) दोनों के बीच कोई किलोमीटर की दूरी हो
(3) दोनों के बीच बहुत ज्यादा ही दूरी हो
:-प्रथम स्थिति में दोनों एक दूसरे के साथ हवा से संचालित ध्वनि तरंगों के द्वारा बातचीत करते हैं वक्ता एक प्रसिद्ध की तरह श्रोता एक रिसीवर की तरह तथा दोनों के बीच की हवा संचार चैनल के रूप में कार्य करती है
:-द्वितीय स्थिति में दोनों के बीच में अधिक दूरी होने के कारण ध्वनि तरंग संचार माध्यम द्वारा शेर अथवा दुर्लभ हो जाती है श्रोता अथवा गंतव्य तक भी नहीं पहुंच पाती अंतः ऐसी स्थिति में लंबी दूरी तक सूचना को भेजने के लिए हमें अन्य प्रभावी तरीकों का प्रयोग करना होगा
:-अनेक संभव तरीकों में से एक तरीका यह भी हो सकता है जिसमें ध्वनि तरंगों या सिग्नल को विद्युतीय सिग्नल में बदलें जो कि लंबे तारा द्वारा आसानी से संचालित हो सकता है और इस प्रकार सूचना को लंबी दूरियों तक भेजा जा सकता है जिस चीज से हम ध्वनि को प्रेरित करते हैं वहां पर माइक्रोफोन की सहायता से ध्वनि सिग्नल को विद्युत धारा अथवा वोल्टेज सिग्नल में परिवर्तित किया जा सकता है तथा रिसीवर सिर पर लाउडस्पीकर की सहायता से इन्हें पुणे ध्वनि सिग्नल में बदल दिया जाता है ट्रांसड्यूसर से तात्पर्य ऐसी युक्ति से है जो की ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप म मारा सारा प्यासा मरी पाससे छे
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bahut had tak achchhi post hai